रसोईघर-3-पतोड़
रविवारी डिश...अरवी लीव्स विथ ग्रेवी - पतोड़अरवी के 10 साबूत पत्ते धोकर रख लें।अब एक कटोरे में 1 कप सूजी, 1 कप बेसन, 1 चम्मच हल्दी,अंदाज़ से नमक,2 चम्मच सब्जी मसाला, 3 चम्मच अमचूर या 2 नीम्बुओं का रस...
View Articleसुप्रभाती दोहे - 4
आनत लतिका गुच्छ से, छनकर आती घूपज्यों पातें हैं डोलतीं, छाँह बदलती रूप 40खग मानस अरु पौध को, खुशियाँ बाँटे नित्यकर ले मेघ लाख जतन, चमकेगा आदित्यदुग्ध दन्त की ओट से, आई है मुस्कानप्राची ने झट रच दिया,...
View Articleशाकाहारी एग करी-रसोईघर-4
भेज एग करीमाध्यम आकार के दो आलू लेकर उसके छिलके उतार लें।बीच से दो टुकड़ों में काट लें। आलू के मध्य भाग में चाकू से कटोरी जैसा बना लें। इनमे हल्दी और नमक लगा दें और डीप फ्राई करके पका लें।अब दो कप दूध...
View Articleमुक्ति-लघुकथा
मुक्ति-कंपकंपाते हाथो से मकान के लोन की अंतिम किश्त पर हस्ताक्षर करते हुए सुरेश बाबू की आँखों से दो बूँद आँसू टपक पड़े।"यह क्या, आज तो आपको खुश होना चाहिए कि आप कर्ज से मुक्त हो गए।"बैंक मैनेजर ने...
View Articleनया दरवाजा-लघुकथा
नया दरवाजा--तिरंगे में लिपटे शहीद पति के शव के पास वह पथराई आँखों से खड़ी थी|''अभी हाथों की मेंहदी भी न छूटी और ये दिन देखने पड़े|''''पहाड़ सी जिन्दगी अकेले कैसे काटेगी |''''इसका दूसरा ब्याह कर देना...
View Articleकाला तोहफा-लघुकथा
काला तोहफा"देखो निम्मी, आज मैं तुम्हारे लिए क्या लाया हूँ|''''क्या,''प्रश्न भरी निगाहों से निर्मला ने अंकित को देखा|अंकित ने बिस्तर पर हल्के नीले रंग की काँजीवरम की साड़ी फैला दी और उसपर एक नेकलेस रख...
View Articleमोहपाश-लघुकथा
मोह पाशआज घर में बहुत चहलपहल थी। विदेश से छोटा बेटा और बहु आ चुके थे। आवभगत में कोई कमी न रहे उसके लिए सासु माँ एक पैर पर खड़ी थी। बड़ी बहु और बेटा भी बड़े शौक से अगवानी कर रहे थे।बुआ जी ने हँसते हँसते...
View Articleपिता
पिता.......गीत विधा मेंउनके कदमों पर चलकर अबउनकी ही भाषा बोल रहेजिनकी बातें तब ना समझेआदर्श वही अनमोल रहेहाथ पकड़ हटिया में जातेचनाचूर जी भर के खातेरंग बिरंगी हवा मिठाईहँसकर पापा हमें दिलातेनिर्मल मन...
View Articleपत्थर की खुशबू - लघुकथा
पत्थर की खुशबू-''मैं नन बनना चाहती हूँ|''नैन्सी ने ट्विट किया था|यह पढ़ते ही थॉमस के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई|मैनेजमेंट की पढ़ाई साथ साथ करते हुए नैन्सी का भावहीन चेहरा क्यों उसे आकर्षित करता था,...
View Articleगोलट - लघुकथा
गोलटपूरे परिवार के लोग घर की बैठक में इकट्ठे हो चुके थे| एक निर्णय होना था जो राशिदा की जिंदगी को पूरी तरह बदल कर रख देता|राशिदा और दानिश बहन भाई थे| उनकी गोलट शादी रौनक और इमरान के साथ हुई थी| समय के...
View Articleनिर्जला - लघुकथा
निर्जला ...निर्जला व्रत करने की घोषणा की थी घर में कल्याणी देवी ने।"मगर यह गलत बात है। आपको ब्लड प्रेशर और थाइराइड की समस्या है जिसकी दवा सवेरे खाली पेट में लेनी होती है। तबियत बिगड़ गई तो लेने के देने...
View Articleपक्की छत - लघुकथा
पक्की छतआने वाले बरसात के लिए हरिया परिवार के साथ मिलकर नई छप्पर बना रहा था। सब आपस में बोलते बतियाते काम पर लगे थे।हरिया की पत्नी ने पूछा- "गोलू के बापू, सहर में तो बड़ी ऊँच ऊँच इमारत बनत रहे। तुहनी...
View Articleसफेद झूठ - लघुकथा
सफेद झूठकम्पनी की ओर से आशु को दो वर्षों के लिए विदेश भेजा गया था| पिता अनिकेत और पुत्र आशु विडियो कॉल से ही बातें करते|इधर कई दिनों से अनिकेत की बात बेटे आशु से नहीं हो पा रही थीं| फोन पर भी एक दो...
View Articleनेग - लघुकथा
नेगड्राइंगरूम मिडिया वालों से भरा था। प्रसिद्ध समाजसेविका सुषमा जी एवम् उनकी नवविवाहिता बहु को रु ब रु होना था।पन्द्रह दिन पहले ही सुषमा जी का पुत्र निचली जाति की लड़की को ब्याह लाया था। सुषमा जी ने दिल...
View Articleवजन - लघुकथा
वजनपुलिस ने धर्मेश जी को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया।पत्नी और बेटा सामने ही खड़े थे किन्तु उनकी आँखों में कोई सहानुभूति न थी।धर्मेश बाबू को अपने वृद्ध पिता की बात याद आ गई।"बेटे, सरकारी नौकरी में...
View Articleदेवदूत - लघुकथा
देवदूत ऑपरेशन थियेटर में कल्याणी देवी की बहु गंभीर अवस्था में जा चुकी थी| डेलिवरी के लिए सबकुछ सामान्य था कि अचानक बच्चे की पोजीशन गड़बड़ हो गई| शिशु का हृदय स्पंदन मंद पड़ने लगा और माँ की स्थिति भी...
View Articleसंवेदना-लघुकथा
संवेदनाकिरण और सुमन फेसबुक मित्र थीं| फेसबुक पर पोस्ट की गई किरण की कविताएँ सुमन को बहुत अच्छी लगती थीं | किरण की हर संवेदना पर लाइक की मुहर लगाने वाली वह प्रथम पाठक हुआ करती थी| इधर कई दिनों से किरण...
View Articleसुराख वाले छप्पर - लघुकथा
सुराख वाले छप्पर कॉल बेल बजते ही मिसेज तनेजा दरवाजे पर पहुँचीं| बगल के फ्लैट की नई पड़ोसन मिसेज भल्ला थीं| हाथ जोड़कर नमस्ते बोलते हुए मिसेज तनेजा ने उन्हें ड्राइंग रूम में बैठाया और हँस हँस कर बातें...
View Articleगुलामों की भीड़ - लघुकथा
गुलामों की भीड़जिलाधिकारी महोदय के करीबी मित्र कवि थे और शहर में कविता पाठ करना चाहते थे। इसके तहत एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया और भीड़ जुटाने की जिम्मेदारी जिलाधिकारी महोदय ने ली, आखिर मित्र जो थे।एक...
View Articleव्यवस्था का नकाब-लघुकथा
.व्यवस्था का नकाबव्यवस्था सभी काम सुव्यवस्थित तरीके से करना चाहती थी पर हो नहीं पाता था| इसी परेशानी में वह दफ़्तर की कुर्सी पर बैठी थी कि उसे सुखद आश्चर्य हुआ जब उसने सामने अपनी पुरानी सहेली नकाब को...
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