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Channel: मधुर गुँजन
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गुलामों की भीड़ - लघुकथा

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गुलामों की भीड़

जिलाधिकारी महोदय के करीबी मित्र कवि थे और शहर में कविता पाठ करना चाहते थे। इसके तहत एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया और भीड़ जुटाने की जिम्मेदारी जिलाधिकारी महोदय ने ली, आखिर मित्र जो थे।

एक मेसेज टाइप कर सबको S M S किया गया-
"सभी बी एल ओ को सूचित किया जाता है कि हिंदी भवन में आज शाम 4बजे मीटिंग है। सबको आना अनिवार्य है। न आने वालों को "कारण बताओ"नोटिस जारी किया जाएगा।"

खचाखच भरे हॉल में कविता पाठ सुन रही गुलामों की भीड़ "कारण बताओ (show cause)"से बच जाने के कारण खुश थी।

-ऋता शेखर 'मधु'

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