वर्ण सितारे - हाइकु संग्रह
आज ब्लॉगिंग डे है| ब्लॉग पर आये दस वर्ष बीत चुके हैं| आप सभी मित्रों के उत्साहवर्धन से लिखती रही| यहाँ पर कई विधाओं से परिचित हुई| सर्वप्रथम हाइकु से लेखन की शुरुआत हुई थी| जब पुस्तक प्रकाशन की ओर...
View Articleदोहे
दोहे1.सुदामा संग कृष्ण ने, खींचा ऐसा चित्र |बिना बोले समझ सके, वह है सच्चा मित्र ||2.एक ही खान में रहें, कोयला- कोहिनूर |एक जलकर राख हुआ, एक न खोए नूर ||3.भवसागर में जब कभी, मिल जाए मझधार |हर मा़ँझी को...
View Articleउम्मीदों के नए सफर में
नव वर्ष की शुभकामनाओं के साथ...नवगीतों की पुरवाईनवगीतों की पुरवाई मेंनवल आस की कलियाँ चटकी |किसलय आने को है आतुरपेड़ों ने झाड़ी है डालीनव खुश्बू की आशा लेकरबगिया सजा रहा है मालीफूलों के काँधे चढ़...
View Articleप्यार दो---प्यार लो...नव वर्ष पोस्ट
ग्रुप आइकन का चित्रांकन-आराधना मिश्राहमारा व्हाट्सऐप पर तीन वर्षों से चल रहा एक समूह है...नाम है"गाएँ गुनगुनाएँ शौक से"संस्थापक हैं जानी पहचानी ब्लॉगर अर्चना चावजी२०२१ के दिसम्बर महीने में मेरा मन हुआ...
View Articleकुछ हो अनूठा कुछ नवल हो
हरिगीतिका छंद- मात्रा विधान- २२१ २२२ १२२(१६), २१ २२२ १२(१२) दो-दो पंक्तियाँ तुकांत कविमन सृजन में तब लगे जब, शब्द का शृंगार हो। कुछ हो अनूठा कुछ नवल हो, भाव में कुछ सार हो।। आरम्भ हो सुन्दर सुरीला,...
View Articleपाठकीय में रमेश सोनी जी की पुस्तक
पाठकः ऋता शेखर ‘मधु'पुस्तक- गुरतुर मया- छत्तीसगढ़ी हाइकु संग्रहलेखक- रमेश कुमार सोनीप्रकृति के साथ स्नेहिल संबंधों को कहता हाइकु संग्रह; गुरतुर मया- गुरतुर मया- छत्तीसगढ़ी हाइकु संग्रहरचनाकार-रमेश...
View Articleपाठकीय में लता प्रासर जी की पुस्तक
पाठकः ऋता शेखर 'मधु'पुस्तकः ये कैसा वनवासलेखिकाः लता प्रासरसरस् रसधार का काव्य संग्रह 'कैसा ये वनवास'लेखिका: कुमारी लता प्रासर“कैसा ये वनवास” यह पुस्तक है लता पराशर जी की है जो बिहार राज्य अनुदान से...
View Articleपाठकीय में ऋता शेखर 'मधु'की पुस्तक
पाठक ः नमिता सचान जीपुस्तकः धूप के गुलमोहर- लघुकथा संग्रहलेखिकाः ऋता शेखर 'मधु'किताबें:समय और समाज के यथार्थ से साक्षात्कार कराती लघुकथाएं --- नमिता सचान सुंदर धूप के गुलमोहर ( लघुकथा- संग्रह): ऋता...
View Articleपाठकीय में ऋता शेखर 'मधु'की पुस्तक
पाठकः राजीव तनेजा जीपुस्तकः धूप के गुलमोहर-लघुकथा संग्रहलेखिकाः ऋता शेखर 'मधु'आमतौर पर अपने भावों को अभिव्यक्त करने के लिए सब एक दूसरे से बोल बतिया कर अपने मनोभावों को प्रकट करते हैं। मगर जब अपने मन...
View Articleपाठकीय में गिरिजा कुलश्रेष्ठ जी की पुस्तक
पाठकः ऋता शेखर 'मधु'पुस्तकः कुछ ठहर ले और मेरी ज़िन्दगी- गीत संग्रहलेखिकाः गिरिजा कुलश्रेष्ठजीवन के अनेक रंग समेटता गीत संग्रह“कुछ ठहर ले और मेरी ज़िन्दगी” गिरिजा कुलश्रेष्ठ जी की यह पुस्तक मुझे...
View Articleपाठकीय में ऋता शेखर 'मधु'की पुस्तक
पाठकः सीमा वर्मा जीपुस्तक- धूप के गुलमोहर-लघुकथा संग्रहलेखिका- ऋता शेखर 'मधु'लेखकीय प्रतिक्रिया'ऋता शेखर मधु'जी साहित्य जगत का एक जाना पहचाना नाम है। उनकी कलम लघुकथा से लेकर हाइकु, हाइगा, कविता, ग़ज़ल,...
View Articleछंद विजात में परमपिता
छंद - विजात************मात्रा विधान - १२२२ १२२२ , १४ मात्रिक सम छंदचरण-४, चरणारंभ-१ लघु चरणान्त-२२२(तीन गुरु)****************जिसे संसार ने जाना | जिसे संसार ने माना ||सभी में जो समाया है | न नश्वर है न...
View Articleपाठकीय में कमल कपूर जी की पुस्तक
पाठकीय प्रतिक्रिया-ऋता शेखर ‘मधु’रंग भरे दिन-रैन- दोहा संग्रहलेखिका- कमल कपूरप्रकाशन- अयन प्रकाशन, नई दिल्लीमूल्य- 260/-पृष्ठ- १०५छंद विधान के अनुसार लेखन का अपना सौन्दर्य होता है| मात्र ४८ मात्राओं...
View Articleदोहा में नटराज
विषय- नटराज============शिव ब्रह्मांडीय नर्तक के रूप मेंचित्र गूगल से साभार1चोल वंश ने कांस्य से, सृजित किया नवरूप।तांडव मुद्रा में ढले, शिवजी लगे अनूप।।2शिव नर्तक के रूप में, कहलाये नटराज।बस एक बार...
View Articleडेढ़ इंच मुस्कान - क्षणिका संग्रह-समीक्षा
डेढ़ इंच मुस्कान- क्षणिका संग्रहक्षणिकाकारः श्रीराम साहू समीक्षक ; ऋता शेखर ‘मधु’ क्षणिकाओं की शान- डेढ़ इंच मुस्कान मुझे मेरी सद्य प्रकाशित पुस्तक , मृणाल का बदला, के साथ श्वेतांशु प्रकाशन की ओर से...
View Articleसार गीता का समझकर मन मदन गोपाल कर
2122 2122 2122 212जो मिला वरदान में वह जन्म मालामाल कर|मान रख ले तू समय का जिन्दगी संभाल कर ||१ध्यान हो निज काम पर ही यह नियम रख ले सदा |बात यह अच्छी नहीं तू बेवजह हड़ताल कर ||२कर कहीं उपहास तो मनु...
View Articleलघुकथा- भविष्यतकाल
भविष्यतकाल'वाह ममा, आज तो आपने कमाल की पेंटिंग बनाई है,'अपनी चित्रकार माँ की प्रशंसा करते हुए तुलिका बोल पड़ी|'अच्छा बेटा, इसमे कमाल की बात क्या लगी तुम्हें यह भी तो बताओ,' ममा ने बिटिया की आँखों में...
View Articleयात्रा
यात्रा-यात्रा के हैं अनगिन रूपकभी छाँव मिले कभी धूपप्रथम यात्रा परलोक से इहलोक कीनौ महीने की विकट यात्राबन्द कूप में सिमटी हुई यात्राजग से जुड़ता जब नाता भोर से सायं तक पृथ्वी की यात्रागंगोत्री से...
View Articleफिल्म पर दोहे
लाइट ऐक्शन कैमरा, तीन शब्द है फ़िल्म।संप्रेषण संवाद का, बहुत बड़ा है इल्म।।1सुन्दर सज्जा नृत्य की, आकर्षक तस्वीर|देशभक्ति या प्रेम की, सुन्दर सी तहरीर||2तेरह सन उन्नीस में,प्रथम फिल्म थी मूक|मिली साल...
View Articleबेटियाँ वरदान हैं
अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवससंसार के सुन्दर सृजन में, बेटियाँ वरदान हैं।माता पिता की लाडली अब बन रही अभिमान हैं।।बेटी पढ़े आगे बढ़े यह कह रही सरकार है।उसकी खुशी सबसे जरूरी जो बनी आधार है||1बगिया सुवासित...
View Articleजब हम सीख लेते हैं
निभ जाते हैं रिश्तेजब हम सीख लेते हैंदोषों को नजरअंदाज़ करनाजी लेते हैं तमाम उम्रजब हम सीख लेते हैंबेवज़ह ही मरनामिलती है सफलताजब हम सीख लेते हैंसमय पर काम करनापा लेते हैं निदानजब हम सीख लेते...
View Articleमहिला दिवस विशेष १- भारतीय सिनेमा के निर्माण में महिलाओं की भूमिकाएँ
भारतीय सिनेमा के निर्माण में महिलाओं की पार्श्व भूमिकाएँ – ऋता शेखर ‘मधु’सिनेमा को सबसे लोकप्रिय कला माध्यम के रूप में देखा जाता है।एक वक्त था जब भारतीय सिनेमा में महिलाओं को फिल्मों में काम करना या...
View Articleडमरू घनाक्षरी
डमरू घनाक्षरी - शृंगार रसवर्णिक छंद- 8, 8, 8, 8 की एक पंक्तिहर अठकल अमात्रिक - त्रिकल त्रिकल द्विकल सेचार समतुकांत पंक्तियाँअनत जगत यह, सरल सहज वह,करत नयन नत, मदन भजन रत।1कमल नयन लख, चरण शरण रख,असत गरल...
View Articleमध्य में क्या
जिंदगी की स्लेट परजन्म या मृत्यु लिखनाआरम्भ और अंत है।क्या इतना ही जीवन है?नहीं...मध्य वृहद उपन्यास है।जन्म तो संयोग हैमृत्यु एक वियोग हैक्या इतना ही जीवन है?नहीं...मध्य मिलन का पर्याय है।जन्म एक भोर...
View Articleपाँच लघुकथाएँ - ऋता शेखर
1. असर कहाँ तक"मीना अब बड़ी हो गई है। उच्च शिक्षा लेने के बाद नौकरी भी करने लगी है। कोई ढंग का लड़का मिल जाये तो उसके हाथ पीले कर दें !"चाय पीते हुए सरला ने पति से कहा। "हाँ, बेटी के पिता को दिल पर...
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