अज्ञान में संतान तेरी, ज्ञान की मनुहार है - ऋता
सरस्वती वंदना—हरिगीतिका छंद यह शीश कदमों पर नवा कर, कर रहे हम वन्दना |माँ शारदे, कर दो कृपा तुम, ज्ञान की है कामना||अज्ञान में संतान तेरी, ज्ञान की मनुहार है |उर में हमारे तुम पधारो, पंचमी त्यौहार...
View Articleमेरी अब तक प्रकाशित पुस्तकें
मेरी अब तक प्रकाशित पुस्तकें...सभी सम्पादक महोदय/महोदया की हार्दिक आभारी हूँ जिन्होंने मेरी रचनाओं को प्रकाशन के योग्य समझा...सभी पब्लिशर्स को हार्दिक धन्यवाद !!सभी सह-रचनाकारों को हार्दिक बधाई...
View Articleनव कोंपल से सजता, लगता तरु का हर डाल मनोहर है
मेरे तीन दुर्मिल सवैया छंद...१.अनुशासित प्रांत महान बने, यह बात सदा सच ही रहतीसदभाव बसे जिस देश सदा, दुनिया बस ‘भारत’ही कहतीजँह प्रीत नदी बन के बहती अरु वेद ऋचा नभ में उड़तीवह पावन भूमि तपोवन सी, दिल...
View Articleनारी शक्ति...
महिला दिवस के उपलक्ष में हम सभी महिला मित्र एक स्थान पर इकट्ठे हुए हैं...ये सभी या तो मेरे ब्लॉग पर मेरे साथ हैं या फ़ेसबुक पर...अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ...
View Articleमहाशिवरात्रि...
पावन पर्वहर हर महादेवगूँजी दिशाएँआओ, चलो हम भीकर दें अभिषेक|विष को पियाकंठ में धार लियाहम भी सीखेंहर बुराई सहेंआत्मसात न करें|तेरा ही नामजिसने भजा सदावह क्यूँ डरेभव सागर का तूजो खेवनहार है|ऋता शेखर 'मधु'
View Articleहोली मुबारक....
फागुन के अवसान में, जली होलिका रातचैत ने खुशी से दिया, होली की सौगातहोली की सौगात, बरसात है रंगों कीजगी हृदय में प्रीत, उल्लासों-उमंगों कीमिल-जुल कर सब आज, फूल खुशियों के लें चुनवैर-भाव को भूल, मनाएँ...
View Articleमेरी खिचड़ी तेरी खिचड़ी
एक साधु बाबा किसी गाँव में पहुँचे| गाँववाले बड़े खुश हुए| सभी उनके दर्शन के लिए बेताब हुए जाते थे| साधु बाबा ने कहा कि वे कल सुबह आएँगे और सबके घरों की बनी खिचड़ी खाएँगे| गाँववाले उत्साहित हो गए| सबने...
View Articleजिमें केशरी भात अरु, बोलें मीठे बोल
फागुन मास गुजर गया, आसमान है साफ|धूप सुनहरी है सजी, अन्दर गए लिहाफ़|1|सुरमई सहज सांध्य से, रातें बनीं उदार|झिलमिल झिलमिल कर रहे, नव तारों के हार|2|होली गई फाग गया, चैत बना अनुराग|नव वर्ष अब आ गया, जाग...
View Articleजली पतीली का दर्द
जली पतीली का दर्दये महिलाएँ भी नपता नहीं क्या समझती हैं खुद को,कभी भी धैर्यपूर्वकचुल्हे के पास खड़े होकरदूध नहीं उबालतींउन्हें बड़ा नाज हैअपनी याददाश्त परपतीले में दूध डालाउसे गैस पर चढ़ायापर वहाँ खड़े...
View Articleशुक्ल नवमी चैत्र की, जनम लिए श्रीराम|
दोहे...........ऋता शेखर ‘मधु’दूर-ध्वनि आभास से, दशरथ साधे तीर|तड़पे श्रवणकुमार जब, रघुपति हुए अधीर||मात-पिता के पास जब, दशरथ लाए नीर|आत्मग्लानि के भाव से, रख नहिं पाए धीर||पाए पुत्र-वियोग से,...
View Articleतुम चलो तो सही...
मिलेंगी मंजिलें तुम चलो तो सहीमिटेंगे फ़ासले तुम बढ़ो तो सहीअसम्भव कुछ नहीं आजमा लो कभीजुटेंगे हौसले तुम रखो तो सहीखिलेंगे फिर चमन यह न भूलो कभीउठा के फ़ावड़े तुम बढ़ो तो सहीसवालों में घिरे तो बढ़ोगे...
View Articleमई दिवस
श्रमिकों के अधिकारों की पैरवी करता मई दिवसमई माह के पहले दिन अर्थात 1 मई को विश्व के लगभग सभी देशों में मई दिवस या श्रमिक दिवस मनाया जाता है. श्रमिकों के काम के घंटों को कम करने और उन्हें अधिकार दिलाने...
View Articleमाँ मुझे अपने आँचल में छुपा ले...
माँ, मैं तेरी बगिया कीकोमल सी इक फूलकली थीमुझको सहलातीमुझको दुलरातीअपने अँगना को तू महकातीमेरी एक हंसी पर तूक्षण क्षण न्योछावर हो जातीमुझको अपने गले लगाकरबिन कहे सब कुछ कह जातीबहुत अकल तब नहीं थी...
View Articleशिव विवाह
शिव विवाहविवाह की रस्मबदन पर भस्मसिर पर जटाअलबेली छटादहकते भालकमर में छालसर्प का हारबैल पर सवारऐसो सिंगार कियो शिव नेपरछावन को आह्लादित माताजहरीली फुफकार परविस्फरित नयनों से मूर्छित हुई जाती है|बराती...
View Articleनिमिया के छाँव तले...
चैत के महीने में नीम की पत्तियाँ, फूल, फल, छाल आदि का प्रयोग खाने या लगाने के लिए किया जाता है|इससे काफी रोग दूर भाग जाते हैं| यह सबसे अधिक आक्सीजन देने वाला भी पेड़ है अतः इसके नीचे समय बिताने से शरीर...
View Articleलाल फूल सर्पीली पत्ती -गुलमोहर
स्वर्ग अप्सरागुलमोहर चुन्नीओढ़ के आई|१|लाल सितारेहरी चुनरी परलगते प्यारे|२|धरा की गोदकरते अठखेलीस्वर्ग के फूल|३|तपी धरतीलाल अँगार बनागुलमोहर|४|लावण्य भराअँखियों का सुकूनगुलमोहर|५|सर्पीली पत्तीनरम...
View Articleमत संहार करो वृक्षों का
५ जून विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है...मत संहार करो वृक्षों काश्मशानी निस्तब्धता छाई हैउभरी दर्द भरी चहचहाहटनन्हें-नन्हें परिंदों की,शायद उजड़ गया था उनका बसेरामनुष्य ने पेड़ जो काट दिए...
View Articleतुम हो बहादुर ओ सिपाही, याद उसकी ले चलो
यह हरिगीतिका समर्पित है उन वीर जवानों और उनकी परिणीताओं को जो देश की रक्षा के लिए विरह वेदना में तपते हैं...दिल में बसा के प्रेम तेरा, हर घड़ी वह रह तके|लाली अरुण या अस्त की हो, नैन उसके नहिं थके||जब...
View Articleकोमल हाथ चुभ गए थे काँच
ताँका........विश्व बाल श्रम दिवस पर-१२ जूनबालक रोयाबस्ता चाहिए उसेहै मजबूरदिल किया पत्थरबनाया मजदूर|१|कोमल हाथचुभ गए थे काँचबहना रोईभइया आँसू पोंछेदोनो कचरे बिनें|२|दिल के धनीराजा औ' रंक बच्चेदेख लो...
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