शिव विवाह
विवाह की रस्म
बदन पर भस्म
सिर पर जटा
अलबेली छटा
दहकते भाल
कमर में छाल
सर्प का हार
बैल पर सवार
ऐसो सिंगार कियो शिव ने
परछावन को आह्लादित माता
जहरीली फुफकार पर
विस्फरित नयनों से
मूर्छित हुई जाती है|
बराती बन चले
भूत-बिच्छु-प्रेत
करें गज़ब का शोर
अज़ब बोल समेत
खड़काते करताल
डराते काल कपाल
विधि ने रच दियो विधान
देख सजावट ऐसो अनोखी
सोलह श्रृंगारित पार्वती
मुग्ध नयनों से निहार
सम्मोहित हुई जाती है|
..............ऋता शेखर ‘मधु’