क्षणिकाएँ
१.सदा निभाए साथ तुम्हाराखाकर अनगिन ठोकरसंस्कार की जड़ गहरी थीरहे तुम्हारे होकर|२.डैने कमजोर थेनिरीह था फाख्तामन का मजबूत थाउड़ा बे-साख्ता|३.नन्ही अँगुली थामकरसिखाया आखर-घट खोलनावही सिखाता शिद्दत से...
View Articleशहीद दिवस के लिए
ले आजादी की मशालवे झूमते गाते चलेकफ़न बाँधकर अपने सरशान से मुस्काते चलेबाजुओं में जोश थारक्त में थी रवानगीभारत माँ के वंदन कीभरी हुई थी दीवानगीकेसरिया से तन मन रँगविजय ध्वज लहराते चलेमाँ की गोदी त्याग...
View Articleरंग
वो...जो अनदेखा है ...अनाम है...पर सबके साथ है...2122 2122 2122 212आज अपने साथ लाया ढेर सारे रंग वोद्वेष को है छोड़ आया होलिका के संग वोहर तरफ सद्भाव से निखरी पड़ी है ये फिजाफाग की इन मस्तियों में साधता...
View Articleतेरी झलक...कहाँ तलक
जी लेने की ललकजीत लेने की ललकपा लेने को फलकछा जाने को फलकभीग जाता है हलकसूख जाता है हलकनैन जाते हैं छलकबात जाती है छलकमूँद जाती है पलकठहर जाती है पलकप्रीत आती है ढलकआस जाती है ढलकऐ जिंदगी तेरी झलकले...
View Articleआता है याद हमको गुजरा हुआ जमाना
221 2122 221 2122गजल....हर राह पर गुलों की कालीन तुम बिछानाआए हजार बाधा धीरज से लाँघ जानाये आसमाँ सजाता सूरज औ'चाँद तारेतुम रौशनी में इनकी अपने कदम बढ़ानाजब जिंदगी में दुख सुख का सिलसिला मिले तोइतनी...
View Articleरूह मरती नहीं
रूह से देह तकदेह से रूह तकअनजान सफर मेंकितने ही रहे होंगेअनुभूतियों के आकाशअनन्त यात्रा रूह कीदेह पाने के लिएदुर्गम यात्रा देह कीरूह से बिछड़ जाने के लिएसुना है परमात्मा के चारो ओरबिखरा है उज्जवल दिप...
View Articleरोटी
१.श्रम में लगे थे हाथ, भूख लगी हुए साथ, रोटियों को मिल बाँट, संग संग खा रहे|जो चतुर चालाक हैं, इरादों से ना पाक हैं, टुकड़ों को चुपचाप, तली में छुपा रहे|तन मन की थकन, क्षुधा की बढी़ अगन, लालच की आहुति...
View Articleदोहा पर दोहे
दोहा.....१.दोहे दोहे में छुपा, अद्भुत जीवन सारछंद विधा ने रच दिया, लघुता में संसार२.तेरह ग्यारह ने गहे, भावों का विस्तारकथनी जब पैनी हुई, हुई हृदय के पार३.दोहा छोटे छंद में, बात कहे गंभीरकभी लगे वह नीक...
View Articleजल है तो कल है
जल है तो कल है1.तरसे हैं इक बूँद को, महानगर के प्रांतसूखी धरती चीखती, नदिया पड़ी है शांतनदिया पड़ी है शांत, विकल हैं पौधे सारेसिसके प्यासे कंठ, वृद्ध बालक भिनसारेगगन रहा है ताक, मेघ बिन कैसे...
View Articleसुप्रभात...
समभाव से बाँट रहा, सूरज सबको धूप|ऊर्जापोषित हम मनुज, खोलें मन का कूप||१०स्वर्ण रथ पर सूर्य पथिक, आया मेरे देश|मंजर उत्साहित हुए, मुदित बने परिवेश||९एक गेंद लुढ़का दिया, रवि ने भोरम भोर|उसके पीछे चल दिए,...
View Articleगीतिका
नव पीढ़ी को आज, चमक का शौक लुभातागिरा शाख से पात, कहो फिर क्या जुड़ पाताकड़वाहट के बोल, कभी मत बोलो प्यारेजग लेता वह जीत, विनय से जो झुक जाताजीवन है इक राह, कदम मत रुकने देनामन के जीते जीत, हृदय भी यह...
View Articleगर उद्गार जीवित हो जाएँ
खुशियों की ऊँचाई सेव्यथा की गहराई तकअमराई की खुशबू से यादों की तन्हाई तकजाने कितनी नज्म कहानीसिमट जाती हैं पुस्तक मेंजितने लोग उतने दर्दजितने लम्हे उतने क्षोभकुछ व्यक्त कुछ रहे अव्यक्तअथाह मन की अनगिन...
View Articleसुप्रभाती दोहे-2
प्रतिपल स्वर्णिम रश्मियाँ, छेड़ रहीं खग गानआकुल व्याकुल सी धरा, झटपट करे विहान२०ध्यानमग्न प्राची रचे, अरुणाचल में श्लोकमन की खिड़की खोल मनु, फैलेगा आलोक१९सूरज भइया आज तो, कर लो तुम आराममई दिवस है मन...
View Articleसुप्रभाती दोहे-3
हरी दूब की ओस पर, बिछा स्वर्ण कालीनकोमल तलवों ने छुआ, नयन हुए शालीन 30छँट जाती है कालिमा, जम जाता विश्वासजब आती है लालिमा, पूरी करने आसज्यों ज्यों बढ़ता सूर्य का, धरती से अनुरागझरता हरसिंगार है, उड़ते...
View Articleअम्बर प्यासा धरती प्यासी
1.2121/ 2121/ 2121/ 212आन बान शान से जवान तुम बढ़े चलोविघ्न से डरो नहीं हिमाद्रि पर चढ़े चलोवीर तुम तिरंग के हजार गीत गा सकोशानदार जीत के प्रसंग यूँ गढ़े चलो 2.2212/ 2212/ 2212/ 2212सरगम हवाओं की...
View Articleसौहार्द्र - लघुकथा
साझा अनुशासन- लघुकथाउस शहर में मंदिर और मस्जिद अगल बगल थे| ईद में दोपहर एक बजे नमाजियों की कतार मंदिर के गेट तक आ जाती और रामनवमी में हनुमान जी को ध्वाजारोहण के लिए भक्तों की पंक्ति मस्जिद के सामने तक...
View Articleरसोईघर-1-धुसका
रविवारी डिश...धुसका200 ग्राम बासमती चावल और 150 ग्राम( चावल की तीन चौथाई) चना दाल को एक घंटा पानी में भिगो दें। उसे थोडा पानी डालकर मिक्सी में महीन पीस कर गाढ़ा घोल बना लें। एक बड़ा महीन कटा प्याज, 2या3...
View Articleचुप रहो
चुप रहो‘’ममा, आप आधे घंटे से रसोई में हो और टीवी यूँ ही चल रहा है| आप बन्द करके जाया करो|’’‘’चुप रहो’’‘’पापा जी, बिना पंखा बन्द किए आप बाहर चले गए| मैम ने कहा है बिजली बचाना चाहिए|’’‘’चुप रहो’’‘’अंकल,...
View Articleरसोईघर-2-भेज कटलेट
रविवारी डिश...वेज कटलेटदो व्यक्तियों के लिएसामग्री200 ग्राम लाल चना फुलाया हुआएक बड़ा प्याज महीन कटा हुआ2 या 3 हरी मिर्च बारीक़ कटी हुईएक बड़ा चम्मच सूजी4 हरी इलाइचीनमक स्वादानुसारएक छोटी चम्मच...
View Articleहो जाएगा न -- लघुकथा
हो जाएगा न''उत्कर्ष, उठो बेटा| एयरपोर्ट पर कम से कम एक घंटा पहले पहुँचना होता है| यहाँ से वहाँ जाने में ही एक घंटा लगता है| हमें तीन घंटा पहले निकलना चाहिेए| रास्ते में कोई भी अड़चन आ सकती है|''''हो...
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