प्रतिकार-लघुकथा
प्रतिकारचिता पर पत्नी के शव के अंतिम संस्कार के लिए शिवशंकर बाबू के हाथों में अग्नि थमाई जा चुकी थी| अचानक तेज आँधी आई| बगल की चिता से चिंगारी उड़ी और शिवशंकर बाबू की पत्नी की चिता से जा लगी| धू धू कर...
View Articleभली लगे सबके कानों को, बोलो ऐसी बोली
११जीवन जीने के कौशल में, होती कई परीक्षावो ही अव्वल आ पाते जो, पाते नैतिक शिक्षा१२.सावन भादो के मौसम में, करता है खुदगर्जीबादल को अब आने भी दे, नभ को भेजो अर्जी१३.बासंती मौसम में आईं, कलियाँ नई...
View Articleहैप्पी बर्थडे - लघुकथा
हैप्पी बर्थडे‘आज माँ को क्या हो गया है’, पत्नी शिप्रा ने आते ही अभिनव से कहा|“क्या किया माँ ने”, अभिनव सोचते हुए बोला|“माँ ने मिठाई मँगवाई है और सजधज कर बैठी हैं|”“देखता हूँ,” कहकर अभिनव माँ के कमरे की...
View Articleमूक बनोगे आज जब, हो जाएगी चूक
दो पहलू हर बात के, सहमति और विरोधकह दो मन के भाव को,नहीं कहीं अवरोधमूक बनोगे आज जब, हो जाएगी चूकहोंगे कल के बोल तब, वीराने की कूकचुप रहने से जिंदगी, बदले अपनी चालक्यों पूछे उस वक्त में, कोई तुम्हारा...
View Articleअंतर्देशीय
अंतर्देशीय--इमेल, एसएमएस, व्हाट्स एप के जमाने में ऑफिस के लिफाफों के ढेर में एक अन्तर्देशीय देखकर अविनाश चौंक गया| लिखने वाले ने अन्तर्देशीय के पीछे अपना नाम नहीं लिखा था| उत्सुकता से अविनाश ने सबसे...
View Articleवक्त की झुर्रियाँ-लघुकथा
वक्त की झुर्रियाँआज फेसबुक पर सर्फिंग करते हुए अरुण बाबू अचानक लालिमा जी की प्रोफाइल पर पहुँच गए| उसने प्रोफाइल पर वही पिक लगा के रखा था जो चालीस साल पहले कॉलेज के पहचान पत्र पर था इसलिए नजर पड़ते ही...
View Articleवंश - लघुकथा
वंशपूरा घर नन्हे रौशन के पहले जन्मदिन की तैयारी में व्यस्त था| किन्तु रौशन की माँ कमला निर्विकार भाव से बैठी थी| दो वर्ष पहले की बात उसे परेशान कर रही थी|'बहुरिया, चल तैयार हो जा| बहुत पहुँचे हुए बाबा...
View Articleतोटक छंद
तोटक छंद (वर्णवृत छंद)वर्णिक मापनी - 112 112 112 112 मनु के मन में जब आस रहीहर बात तभी कुछ खास रहीउर में बहती नित प्रेम सुधाजग में हर भोर प्रभास रहीप्रिय है जिनका ब्रजधाम सखीमन में रहते वह श्याम...
View Articleजमाना हर किसी को तोलता है
शराफ़त से सभी को जोड़ता हैकिसी खुदग़र्ज से वो भी अड़ा हैन कोई बच सका है आइने सेजमाना हर किसी को तोलता हैनदी को बाँध लेते हैं किनारेयही तहज़ीब की परिकल्पना हैबिखरती पत्तियाँ भी पतझरों मेंदुखों के...
View Articleरोला छंद
रोला छंद1देखो आई रात, चाँद भी नभ में आयाझरते हरसिंगार, भ्रमर ने राग सुनायाफूले सरसो खेत, पंक ने कमल खिलायेदे बासंती भाव, फूल गेंदा हरषाये2हरे हुए हर पात, दूब की बात निरालीझूल रही है ओस, पवन बनती...
View Articleमरियम
मरियमगिरजाघर की रौनक देखते ही बन रही थी| चारों तरफ क्रिसमस ट्री पर सजे रंग बिरंगे बल्ब जुगनू की तरह टिमटिमा रहे थे| दुधिया रौशनी से नहाया गिरजाघर का घंटा, अतिथियों के आने जाने का ताँता, हर्षपूर्ण...
View Articleप्रैक्टिकल नॉलेज
प्रैक्टिकल नॉलेज'अरे, आज ये महाशय ऑटो में', मन ही मन आश्चर्यचकित होते हुए मैं भी उसी ऑटो में बैठ गई|वो सज्जन मेरी कॉलनी के थे| रइसों में गिनती होती थी उनकी| काम पर जाने का उनका समय भी सुबह नौ बजे ही...
View Articleनया साल आया है
नया साल ले आ गयाधवल सलोना प्रातगया वर्ष लिखता रहाअनुभव के अनुपातचल कमली कोहरे के पारवहाँ सजा है अपना खेतखुद से खुद ही आगे बढ़ जाझँझवाती से अब तो चेतभोर किरण देने लगीखुशियों की सौगात हम ऐसे मजबूर हुएकुछ...
View Articleउत्तरायण हुए भास्कर
उत्तरायण हुए भास्करभक्त नहाए गंगउम्मीदों की डोर सेउड़ा लो आज पतंगरग रग में जागी है ऊर्जाशिशिर गया है खिलएहसासों के गुड़ में लिपटेसोंधे सोंधे तिलथक्के थक्के में दही जमेलिए गुलाबी रंगकिसका माँझा किससे...
View Articleसरजमीं पर वक्त की तू इम्तिहाँ की बात कर
चाँद वाली रौशनी में आसमाँ की बात करऐ मुहब्बत अब सितारों के जहाँ की बात करमुफलिसी में भी रहे आबाद रिश्तों का जहाँहो मुरव्वत हर किसी से उस मकाँ की बात करजो तस्सव्वुर में दिखे वो सच सदा होते नहींसरजमीं पर...
View Articleफेसबुकिया स्टेटस-2
इतनी तेजी से Whatsapp पर हम सुविचारों को forward करते हैं कि...उसपर विचार करने का अवसर ही नहीं मिलता यदि उतनी ही तेजी से परोसी हुई थाली को जरूरतमंदों की ओर खिसका सकें तो.......छोड़िये, यह फालतू बात...
View Articleसमस्या-लघुकथा
समस्यासुबह सुबह कमरे से आती खुसरफुसर की आवाज उनके कानों में पड़ रही थी|''आज शाम को बॉस ने पार्टी में बुलाया है| जाना अत्यंत आवश्यक है| मैं तुम्हे बैंक से ही पिकअप कर लूँगा रमा| बॉस की बात है तो कुछ...
View Articleमुसीबत राह में आई मिले हमदर्द भी हरदम
ग़ज़लजरा भर लो निगाहों में कि उल्फत और बढ़ती हैहया आए जो मुखड़े पर तो रंगत और बढ़ती हैनिगहबानी खुदा की हो तो जीवन ये महक जाएमुहब्बत हो बहारों से इबादत और बढ़ती हैमुसीबत राह में आई मिले हमदर्द भी...
View Articleसरस्वती वंदना—हरिगीतिका छंद
सरस्वती वंदना—हरिगीतिका छंद यह शीश कदमों पर नवा करकर रहे हम वन्दना माँ शारदे कर दो कृपा तुम ज्ञान की है कामनासंतान तेरी राह भूलीदृष्टि की मनुहार हैउर में हमारे तुम पधारोपंचमी त्यौहार हैधारण मधुर वीणा...
View Articleस्वागत मधुमास का
पुखराजी पुष्प करेंस्वागत मधुमास काकोहरे को पार करअँखुआता घाम हैसरसो पिरिआ गईमहका जो आम हैझूम झूम डालियाँकरती व्यायाम हैवीणा की रागिनी मेंस्वागत है आस कामन्द मन्द पवन कीशीतल छुअन हैमहुआ के गीत मेंकमली...
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