कर्णेभिः 17 में मिन्नी मिश्रा जी की लघुकथा
https://youtu.be/JtjZsv_lL10कर्णेभिः में मिन्नी मिश्रा जी की लघुकथा
View Articleकर्णेभिः 22- भोर से पहले- रीता गुप्ता-वाचन व प्रस्तुति- ऋता शेखर मधु
अति उत्साहित बच्चों के लिए यह लघुकथा एक सीख की तरह है| लघुकथाएँ अपनी छौटे कलेवर में बड़ी बढ़ी बातें कह जाती हैं| सुन्दर सार्थक लघुकथा के लिए रीता गुप्ता जी को हार्दिक बधाई
View Articleप्रकृति विषयक मेरी 5 लघुकथाएँ एवं रचना प्रक्रिया
https://m.youtube.com/watch?v=wOiEzqP3SWc&feature=youtu.be#
View Articleकर्णेभिः 27- दृष्टिकोण - मधु जैन, वाचन व प्रस्तुति- ऋता शेखर मधु #लघुकथा
जरूरत है दृष्टिकोण बदलने की...कैसा दृष्टिकोण...मधु जी की लघुकथा में सुनिएलघुकथाएँ नन्हें कलेवर में बहुत कुछ सिखा जाती हैं|
View Articleमाँ की माँ
एक माँजो बन चुकी होती हैमाँ की भी माँमतलबमाँ बन चुकी बहू बेटी की माँजी लेती है अपने बच्चों का बचपनअक्सर मिलाती है उस समय को इस समय सेजब आज की माएँकड़ी आवाज में भीबच्चों को कुछ नहीं कहतींउसे याद आता...
View Articleचाँद-चाँदनी
चाँद- चाँदनी...चंदा की तुम चाँदनी, झरती सारी रात।गगन अनोखा दे रहा, धरती को सौगात।।1देख अमा की रात को, नहीं मनाना शोक।घट-बढ़ ही है जिन्दगी, सीखे तुमसे लोक।।2रूप रुपहला है मिला, लगते वृत्ताकार।सूरज से...
View Articleकर्णेभिः 28- पीढ़ियों का अन्तर- #पवन जैन, वाचन व प्रस्तुति- ऋता शेखर मधु
पद, परिस्थिति और संस्कार...किस प्रकार सोच को प्रभावित करते हैं...लघुकथा में सुन्दरता से संप्रेषित किया गया है|
View Articleमहिला दिवस की क्षणिकाएँ
महिला दिवस की क्षणिकाएँ शुभकामनाओं के साथ 🌹🌹1जो तन मन से रहेहरदम घर में रततभी तो संसार मेंनाम पड़ा औ-रत।2चकरघिन्नी देखने कोइधर उधर न झाँकोदिख जाएगी घर में हीनजर खोलकर ताको।3भोर की लालिमा मेंपूजा का...
View Articleकर्णेभिः 29-लघुकथा- आठवाँ वचन-ज्योतिर्मयी पंत, स्वर- समीक्षा व प्रस्तुति...
महिला दिवस के उपलक्ष्य में कर्णेभिः में आज लेकर आई हूँ...आठवाँ वचन|सात वचन तो विवाह वेदी पर दिए जाते...लघुकथा में जानिये कि आठवाँ वचन कौन सा होना चाहिए|
View Articleमन सबका है एक सा- दोहा गीतिका
दोहा गीतिकारंग बिरंगे पुष्प हैं, बगिया के आधार।मिलजुल कर मानव रहें, सुन्दर हो संसार।।तरह तरह की बोलियाँ, तरह तरह के लोग।मन सबका है एक सा, सुखद यही है सार।।मंदिर में हैं घण्टियाँ, पड़ता कहीं अजान।धर्म...
View Articleलंच बॉक्स- लघुकथा
लघुकथा- लंच बॉक्सदसवीं कक्षा की क्लास लेते हुए अचानक सुधा मैम ने पूछा,"बच्चों, यह बताओ कि आज सुबह का नाश्ता किये बगैर कौन कौन आया है।"एक छात्रा ने हाथ उठाया।"क्या घर में कुछ बन नहीं पाया था""बना था,...
View Articleसमय कठिन है
समय कठिन हैक्याकुंठा या क्या गिलाजो मिलना था वही मिलामन को खुशियों से भर लोसमय कठिन हैकिसनेकिसको क्या- क्या बोलाशब्द शब्द किसने है तोलामन को अब तो पावन कर लोसमय कठिन हैजिनबन्धु की याद हो आतीउनको झट से...
View Articleचले थे कहाँ से कहाँ जा रहे हैं
122 122 122 122चले थे कहाँ से कहाँ जा रहे हैंशजर काट कैसी हवा पा रहे हैंन दिन है सुहाना न रातें सुहानीख़बर में कहर हर तरफ़ छा रहे हैंमुहब्बत की बातों को दे दो रवानीन जाने ग़दर गीत क्यों गा रहे हैंहै...
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