ताटंक छंद
ताटंक छंद 1मोहन के माथे केशों की, अवली बड़ी निराली है|हौले हौले खेल खेल कर, पवन हुई मतवाली है|थिरक रही अधरों पर बंसी,तन्मय झूम रही गइया|मोहिनी छवि नंदलाला की, निरखतीं यशोमति मइया||2रचकर लाली हाथों में...
View Articleरिमाइंडर-लघुकथा
रिमाइंडर"मनीषा, एल आई सी की किश्त भरने का समय निकल गया। अब फाइन देना होगा। रिमाइंडर तो लगा दिया होता।"मनीषा चाय बनाते बनाते रुक गई। उसने अमित की ओर देखा और एक फीकी हँसी हँस दी।अमित को सहसा याद आ गया वह...
View Articleपिता की कोख-लघुकथा
पिता की कोखसासू माँ के आने से तेजस खुश था| उसकी गर्भवती पत्नी मृणाल का ख्याल रखने के लिए अब कोई तो था घर में| जबसे उसे मृणाल की प्रेगनेंसी का पता चला था वह उसे घर में बिल्कुल भी अकेला नहीं छोड़ना चाहता...
View Articleफ्रेंडशिप बैंड-लघुकथा
प्रेरणाडोर बेल बजते ही आशा ने दरवाजा खोला|''हैप्पी फ्रेंडशिप डे"कहती हुई छह सात महिलाएँ अन्दर आ चुकी थीं||''अरे यार, यूँ आँखें फाड़ फाड़ कर क्या देख रही है आशु डियर| माना कि हम तीस सालों के बाद मिल रहे...
View Articleव्हाट्स-एप ग्रुप-लघुकथा
व्हाट्स-एप ग्रुपव्हाट्स एप पर एक नया ग्रुप अवतरित हुआ-''हम साथ साथ हैं''परिवार के सभी सदस्यों ने ग्रुप इंफो में जाकर देखा तो उसमें एक परिवार पूरी तरह से नदारद था| घर के सबसे समझदार और न्यायपूर्ण तरीके...
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कसम"ममा, आज स्कूल में हम सभी ने मोमबत्तियां जलाकर कारगिल के शहीदों को श्रद्धाजंलि दी। ममा, हमारा देश सबसे दोस्त बनकर रहना चाहता है फिर ये लड़ाइयाँ क्यो होती हैं।"आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले राहुल ने घर...
View Articleसोचो अम्मा-लघुकथा
''बेटे, सौरभ की शादी की बात कहीं पक्की हुई?''फोन पर रमोला जी ने बेटे मनोज से यह बात पूछी| सौरभ रमोला जी का पोता था और मल्टीनेशनल कम्पनी में काम करता था| सरल सहज सौरभ ने कभी किसी लड़की की ओर आँख उठाकर...
View Articleनचिकेता-लघुकथा
नचिकेताप्राची ने आज फिर एक लघुकथा पोस्ट की थी| कथा माता-पिता के सम्बंध-विच्छेद पर आधारित थी| उस कथा में उसके सात वर्ष के पात्र ने वह कहा जो साधारणतया बच्चे नहीं कह सकते| कथा की यही बात आलोचना का विषय...
View Articleगठबंधन-लघुकथा
गठबंधन''दो विरोधी पार्टियों का गठबंधन, चुनाव में दोनो नजर आएँगे साथ साथ''समाचार पत्र के मुखपृष्ठ पर छपे समाचार से पूरे राज्य में सनसनी फैल गई|लाला जी की पत्नी ने ज्योंहि यह पढ़ा , पति के पास सच्चाई...
View Articleपूजा के फूल-लघुकथा
पूजा के फूल''माँ, मैंने पूजा के पास फूल रख दिए हैं,''यह ऋषभ की आवाज थी|''मम्मी जी, जल्दी उठिए, चाय के लिए पानी चढ़ा दिया है चुल्हे पर, आपके कपड़े भी बाथरूम में रख दिए हैं,''यह बहु रीमा कह रही...
View Articleकासे कहूँ-लघुकथा
कासे कहूँभाई के पास जाते हुए अचला ने अटलता से निर्णय कर लिया था। आज भाई से जानकर ही रहेगी कि वह कौन-सी बात है, जो उसे गाहे-बेगाहे उदास कर देती है|भाई को उसके बच्चों से कितना अधिक प्यार हैं। हमेशा...
View Articleकर्मयोगी-लघुकथा
कर्मयोगी''मिसेज अणिमा, आपकी नियुक्ति यहाँ जीव विज्ञान के पद पर हुई है|स्नातक में आपने भोतिकी की पढ़ाई की हुई है| अभी इस विद्यालय में भौतिक विज्ञान के लिए कोई शिक्षक नहीं| बोर्ड की परीक्षा का समय नजदीक...
View Articleहमारी दोस्ती-लघुकथा
हमारी दोस्ती''अर्णव, एक महीने से ऊपर हो गया यहाँ आए हुए,''पिता ने आखिरकार इकलौते पुत्र को टोक ही दिया|''तो''अर्णव ने थोड़ी लापरवाही से कहा|''अपना रेज्युमें सभी जगह भेज तो रहे हो न''''नहीं''फिर से उसका...
View Articleतुम अब भी हो-लघुकथा
तुम अब भी होट्रेन पहले ही सोलह घंटे लेट हो चुकी थी| विह्वल सा आकाश बार बार घड़ी देखे जा रहा था| व्हाट्स एप पर हर मिनट एक ही मेसेज भेजे जा रहा था,''कैसी हो''अब जवाब आना भी बन्द हो गया था| पास बैठे...
View Articleहर घर में पल रहा है इक साथी नवाब का--ग़ज़ल
आज एक ग़ज़लमजमून ही न पढ़ पाए दिल की किताब काक्या फ़ायदा मिला उसे फिर आफ़ताब काहर पल बसी निगाह में सूरत जो आपकीफिर रायगाँ है रखना रुख पर हिजाब काइस ख़ल्क की खूबसूरती होती रही बयाँहर बाग में दिखे है...
View Articleअमरत्व-लघुकथा
अमरत्वभारत में कम्पनी स्थापित करने के इरादे से अमरीका से मिस्टर हैरी की अगुआई में एक टीम भारत आई थी| वे महानगर के आसपास की पर्यावरणीय स्थिति का अवलोकन करना चाहते थे इसलिए उन्हें बंगलोर के निकटस्थ जंगल...
View Articleपुनर्घटित-लघुकथा
पुनर्घटित''माँ, भइया, देखिए, मेरा निफ़्ट का रिज़ल्ट आ गया है| मैं टॉप टेन में हूँ| मुझे मनचाही जगह मिल जाएगी| मुझे बताइए आपलोग कि कहाँ एडमिशन लूँ?''निम्मी ने चहकते हुए आवाज दी|''कोई जरूरत नहीं कहीं भी...
View Articleभूख का पलड़ा-लघुकथा
भूख का पलड़ातीन माले वाले मकान की ऊपरी छत पर मालिक- मालकिन से लेकर नौकर- चाकर सब जमा थे| चार दिन हो चुके थे बस्ती को बाढ़ की चपेट में आए हुए| पहले दो दिन तो वही बिस्किट और चूड़ा चलता रहा जो लेकर वे चढ़...
View Articleआकलन-लघुकथा
आकलनस्कूल जाने के लिए रेवा बस स्टॉप पर पहुँच चुकी थी| वहाँ पहुँच कर पता चला कि उस दिन बस हड़ताल थी| अब क्या करे रेवा| तभी अत्याधुनिक कपड़ों मे स्कूटी चलाकर जाती हुई एक महिला दिखी| उसने लिफ्ट के लिए हाथ...
View Articleसोच के बादल-लघुकथा
सोच के बादलआज गणेश चतुर्थी के कारण ड्राइवर और मेड छुट्टी पर थे| अमृता और सरस पूजा की तैयारी में व्यस्त थे|अचानक सरस को इमर्जेंसी कॉल आ गया | कोई ऊँची इमारत से गिर गया था और तुरंत इलाज की जरूरत थी|...
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