बेतार संदेश-लघुकथा
बेतार संदेश''कहने को तो आठ दरवाजे हैं इस फ्लोर पर किन्तु सारे ही बन्द रहते हैं| किसी से किसी को कोई मतलब नहीं| किसी को अभी तक पहचानती भी नहीं| इससे अच्छा हमारा छोटा सा शहर था जहाँ नए पड़ोसी के आते ही...
View Articleमाँ दुर्गा के नव-रूप के श्लोक
देवी दुर्गा के नौ रूप होते हैं।नवरात्र-पूजन में हर रूप के लिए इनकी की पूजा और उपासना के मंत्र---1.शैलपुत्री- मां दुर्गा का प्रथम रूप देवी शैलपुत्री वन्दे वांच्छितलाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम्। वृषारूढ़ां...
View Articleदुर्गा द्वात्रिशनाम माला-दुर्गाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रं
दुर्गा द्वात्रिशनाम मालागूगल से साभार=======================================दुर्गाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रं शतनाम प्रवक्ष्यामि शृणुष्व कमलानने। यस्य प्रसादमात्रेण दुर्गा प्रीता भवेत् सती॥१॥ ॐ सती साध्वी...
View Articleदेवी अर्गलास्तोत्रं
हाथ में अक्षत, जल और पुष्प लेकर संकल्प लें....अस्यश्री अर्गला स्तोत्र मंत्रस्य विष्णुः ऋषि:। अनुष्टुप्छन्द:। श्री महालक्ष्मीर्देवता, श्री जगदम्बा प्रीत्यर्थे सप्तशती पठां गत्वेन|श्रीचण्डिकाध्यानम्ॐ...
View Articleदुर्गा कवच (संस्कृत और हिन्दी में) एवं देवीसूक्तम्
दुर्गा कवचमाँ दुर्गा का कवच अदभुत कल्याणकारी है। दुर्गा कवच मार्कंडेय पुराण से ली गई विशेष श्लोकों का एक संग्रह है और दुर्गा सप्तशी का हिस्सा है। नवरात्र के दौरान दुर्गा कवच का जाप देवी दुर्गा के...
View Articleसप्तश्लोकी दुर्गा स्तोत्रम् -दुर्गा चालीसा -विन्ध्येश्वरी स्तोत्रम्
नवरात्र में यदि आपके पास समय कम हो तो सिर्फ सप्तश्लोकी दुर्गा स्तोत्रम्...दुर्गा चालीसा...और विन्ध्येश्वरी श्लोक पढ़ लें|सर्वप्रथम हाथ में पुष्प, जल, अक्षत लेकर निम्नलिखित संकल्प लें|ॐ अस्य श्री दुर्गा...
View Articleमाँ दुर्गा की तीन आरतियाँ
आरती-1जगजननी जय! जय!! मा! जगजननी जय! जय!भयहारिणि, भवतारिणि, भवभामिनि जय जय॥-टेक॥तू ही सत-चित-सुखमय शुद्ध ब्रह्मारूपा।सत्य सनातन सुन्दर पर-शिव सुर-भूपा॥-१॥-जग०आदि अनादि अनामय अविचल अविनाशी।अमल अनन्त...
View Articleक्षमा प्रार्थना
।। अथ अपराधक्षमापणस्तोत्रम् ।।ॐ अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेऽहर्निशं मया।दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वरि।।१।।आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्।पूजां चैव न जानामि क्षम्यतां परमेश्वरि।।२।।मन्त्रहीनं...
View Articleबताओ तो-लघुकथा
बताओ तोपगडंडी के किनारे नन्हीं हरी दूर्वा और बेल का एक पेड़ आपस में बातें कर रहे थे|''तुम्हें कितनी निर्दयता से रौंद रौंद कर ये मनुष्य रास्ते बना लेते हैं'', बेल ने सहानुभूति दिखाते हुए कहा| ''गाँव से...
View Articleतुस्सी ग्रेट हो
तुस्सी ग्रेट होसिख सम्प्रदाय की वह लड़की दीपा अब हिन्दु धर्म के घर की प्यारी बहु थी| उसे जब पता चला था कि नानी सास के पुण्यतिथि में जाना है तो अपने हिसाब से उसने हल्के रंग के कपड़े रख लिए थे| नानी सास...
View Articleबेटी दिवस पर
बेटियों,तुम पिता का प्यार होमाँ के गले का हार होतुमसे ही तो राखियाँ हैंतुम खुशी का आधार हो|तुम आई तो कली मुस्काईकभी समझो न खुद को पराईदिल में रहती हो तुम भी हमारेजैसे वहाँ रहता है भाई|तुम अपरिमित...
View Articleनिदान-लघुकथा
निदान''रौल वन, टू, थ्री,फोर.....ट्वेन्टी सिक्स...''''ये ट्वेन्टी सिक्स, अपराजिता स्कूल क्यों नहीं आ रही| पिछले पच्चीस दिनों से वह अनुपस्थित है''...हाजिरी लेते हुए ममता ने क्लास की लड़कियों से...
View Articleशरद पूर्णिमा
1चाँदनी युक्तगर्वीला रूप तेरासम्पूर्ण तुमआज की राततीन रंग की चुन्नीओढ़ ली मैंनेचन्दा, बता दे जराकहाँ है मीत मेरा।2खिलखिलाताचन्द्रमा रुपहलामुग्धा नायिकापी के आलिंगन मेंघूँट घूँट पी रहीअमृत धारा।3तुम्हे...
View Articleछंदमुक्त- मैं गुलाब
छंदमुक्त...शाख से टूटा हूँ तो क्यामेरा हुनर मेरे पास हैमेरे खुश्बुओं की तिजोरीसूख कर भी महकती रहेगीमैं काँटों से न घबराया कभीन धूप में कुम्हलाया कभीगुलदस्तों में सजता रहाअर्थियों पर गिरता रहाप्रेमियों...
View Articleआसमाँ में चाँद ढाला कौन है
आसमाँ में चाँद ढाला कौन हैराह में दीपक जलाया कौन हैजिंदगी के पास अपना कौन हैबेसहारों का सहारा कौन हैजा छुपी है बादलों में चाँदनीइस कदर उसको डराया कौन हैउस किनारे एक साया है खड़ापूछने को हाल जाता कौन...
View Articleसाँझ ढले बिटिया पढ़ती है--छंद
मापनीयुक्त मात्रिक छंद - 1.हरिगीतिका- गागालगा गागालगा गागालगा गागालगा सूरज उगा ज्यों ही गगन में, कालिमा घटने लगी|मन व्योम के विस्तृत पटल पर, लालिमा बढ़ने लगी||कलकल सरित अपनी लहर में, गीतिका कहती...
View Articleरसकदम-लघुकथा
रसकदम========‘’पिता जी, अपना मुँह खोलिए| मैं आपके पसंद की मिठाई लाई हूँ| एक गप्प और रसकदम मुँह के अन्दर|’’‘’अरे, ये क्या कर रही हो स्निग्धा| तुम्हे पता है न कि पिताजी को डायबिटीज है फिर भी मिठाई...’’...
View Articleकोमल हथेली
कोमल हथेलीछह महीने बाद नौकरी से घर लौटे हुए पति अविनाश ने एकांत होते ही रमोला का हाथ पकड़ना चाहा, किन्तु यह क्या! रमोला ने हाथ परे करते हुए मुस्कुराकर पति को गलबहियाँ डाल दी| अविनाश को रमोला का व्यवहार...
View Articleपत्ते और फूल
पत्ते और फूलदोनों संस्कारी थे। दोनों पढ़े लिखे थे। दोनो अपने घर के बुजुर्गों के लिए समर्पित थे।दोनो बच्चों की भलाई के लिए उन्हें पर्याप्त समय देते थे। दोनो अपने अपने कार्यस्थल के कुशल अधिकारी थे। मानव...
View Articleबचपन के जैसा फिर यहाँ मंजर नहीं देखा
बचपन के जैसा फिर यहाँ मंजर नहीं देखागोदी हो जैसे माँ की, वो बिस्तर नहीं देखाहिन्दू या मुसलमान में आदम यहाँ उलझेहों सिर्फ़ जो इंसान वो लश्कर नहीं देखाधरती पे लकीरें हैं दिलों में हैं दरारेंकाटे जो समंदर...
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