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Channel: मधुर गुँजन
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बाबला- कहानी

बाबला        (कहानी पर आपकी राय बहुमूल्य है...इस विधा पर काम करना ठीक है या नहीं? कमियाँ/खूबियाँ बताएँ, धन्यवाद )बेला की खुशियाँ थामे नहीं थम रही थी| चारो ओर से बधाइयों का ताँता लगा था| मम्मी पापा की...

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थेथर - लघुकथा

थेथरसामने नाट्य प्रदर्शन के लिए मंच सजा है| परदा खुलता है|प्रथम दृश्यःएक शिक्षक वर्ग में बैठे हैं| उनके सामने कुछ बच्चे बैठे हैं|‘बच्चों, आज हमलोग कुछ प्रतियोगिताएँ करवाएँगे, आशा है आप सभी अच्छा...

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अनकहा हो दर्द तब लावा पिघलता है

रजनी छंद गीतिकाइस जगत में जो सभी से प्रेम करता हैवह तपिश में चाँदनी बनकर उतरता हैईश से जो भी मिले स्वीकार कर लेनाआसरा के साथ ही विश्वास रहता हैकोंपलें उगती वहीं झरते जहाँ पत्तेरात के ही गर्भ से सूरज...

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पुत्रीरत्न

नवरात्र की पूजा पर बैठी नंदिनी ने मोबाइल बजते ही तत्परता से उठाया और बोल पड़ी,"हलो, पापा, क्या हुआ है?""बेटा,बहुत बहुत बधाई ! तू बुआ बन गयी, काजल की रस्म के लिए यहाँ आने की तैयारी कर।""अरे वाह ! आपको भी...

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हे अशोक

हे अशोक ! वापस आकरहे अशोक! तुमशोकहरण कहला जाओलूटपाट से सनी नगरियालगती मैली सबकी चदरियानैतिकता का उच्चार करोसद्भावों का संचार करोप्रीत नीर सेहे अशोक! तुमजन जन कोनहला जाओजितने मुँह उतनी ही बातेंसहमा दिन...

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पसंदगी की रेंज

‘हलो, मिस्टर वर्मा, मैने शादी डॉट कॉम पर आपके पुत्र के बारे में पढ़ा| आपको मैं अपनी बेटी की आई डी भेजती हूँ| आप देख लें और पसन्द आए तो हमलोग रिश्ते के बारे में सोच सकते हैं,’ ऊधर से मधुर आवाज में एक...

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देह का तिलस्म - कहानी

देह का तिलस्म चारों ओर निशा पसरी हुई थी| निशा के स्याह आँचल पर नन्हें नन्हें सितारे जगमग कर उसकी सुन्दरता बढ़ा रहे थे| एक पूरा चाँद मुस्कुराता हुआ निशा के साँवले मुख को अलौकिक सुन्दरता प्रदान कर रहा...

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प्रॉपर्टी - लघुकथा

प्रॉपर्टी"अभी आ रही हो, इतनी रात गए कहाँ थी तुम?""मैं तुम्हारी प्रॉपर्टी नहीं जो तुम मुझपर बन्धन लगाओ""प्रॉपर्टी कैसे नहीं, तुम्हारे पिता ने तुम्हे दान दिया है मुझे। तुम्हारे प्रति जिम्मेदारी है...

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राशिफल - लघुकथा

राशिफलसुबह के पाँच बजे से सुनंदा की दिनचर्या शुरू हो जाती। सबसे पहले बच्चों के मनपसन्द नाश्ते और लंच बनाती। उन्हें पैक करती। उधर बच्चे स्कूल के लिए स्वयं तैयार हो जाते। इतना करते हुए छह बज जाते और...

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धातु के बरतन - लघुकथा

धातु के बरतनसास और बहू का घर अलग अलग शहरों में था।"मम्मी जी, आपने मलने के लिए सारे बर्तन बाई को दे दिए। बर्तनों पर खरोंच आएगी तो भद्दे दिखेंगे।"बर्तनों का अंबार देखकर सास के घर आई बहु आश्चर्य से बोल...

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शरद चाँदनी

गीत का प्रयासमौसम की आवाजाही मेंहवा सर्द या हुई गरमशरद चाँदनी शीतल बगियाचमक उठे दुधिया कचनारपुष्पदलों के हिंडोलों परझूल रहे नन्हें तुषारअन्दर बाहर होती साँसेंअहसासों को करें नरमशांत चित्त स्थिर मन...

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होते हैं दिखते नहीं, होते कई हजार

होते हैं दिखते नहीं, होते कई हजार।मन के भीतर के बने, तोरण वाले द्वार।।तोरण वाले द्वार,सहज होकर खुल जाते।मन के जो शालीन, मार्गदर्शक बन आते।कहे ऋता यह बात, व्यंग्य से रिश्ते खोते।हवा गर्म या सर्द, नहीं...

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नैतिकता - लघुकथा

"ममा, आप पटाख़े ले आये, शाम को दो घण्टे का समय रखा गया है जहाँ सब मिलकर पटाख़े फोड़ेंगे""हाँ बेटा, सब तरह के पटाख़े लायी हूँ। सुतली बम, रॉकेट बम, धरती बम, आलू बम, मल्टीकलर फुलझड़ियां...सब कुछ।""ममा, आप...

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मन के भीतर धैर्य हो, अधरों पर मुस्कान-कुंडलिया

जीवन यात्रा अनवरत, चली सांस के साथ |मध्यम या फिर तीव्र गति, स्वप्न उठाती माथ ||स्वप्न उठाती माथ, कभी रोती या हँसती |करती जाती यत्न, राह से कभी न हटती|पढ़ कर हर पग पाठ,'ऋता''बनती है छात्रा|चुक जाएगी...

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कलकल नदिया है बही, छमछम चली बयार -कुंडलिया

कलकल नदिया है बही, छमछम चली बयार |गिरिराज हैं अटल खड़े, लिए गगन विस्तार ||लिए गगन विस्तार, हरी वसुधा मुस्काई ,दूर्वा पर की ओस, धूप देख कुम्हलाई ||तितली मधु को देख, मटक जाती है हरपल ,छमछम चली बयार, बही...

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दो लघुकथाएँ

1.समझौताघर में चाहे जितने भी बदलाव किए जाते मगर बैठक के मुख्य द्वार के एक ओर दो सजी कुर्सियाँ वापस रख दी जाती थीं| एक कुर्सी पर करीने से एक तुलसी माली टँगी रहती | दूसरी कुर्सी पर एक छड़ी, एक चश्मा और...

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ऐसा है उपहार कहाँ......

ऐसा है उपहार कहाँ......नया वर्ष तम सारे हर लेऐसा है उपहार कहाँचले संग जो सदा हमारेवह जीवन का सार कहाँधरती की ज्वाला ठंडी होनदिया में वह धार कहाँबिन डगमग जो पार उतारेवैसी है पतवार कहाँउठे हाथ जो सदा...

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आखिर ऐसा क्यों हुआ,समझाओ श्रीमान

गुलमोहर खिलता गया, जितना पाया ताप |रे मन! नहीं निराश हो, पाकर के संताप |।१उसने रौंदा था कभी, जिसको चींटी जान।वही सामने है खड़ी, लेकर अपना मान।।२रटते रटते कृष्ण को, राधा हुई उदास।चातक के मन में रही,...

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जागो वोटर जागो

जागो वोटर जागोअपने मत का दान कर, चुनना है सरकार।इसमें कहीं न चूक हो, याद रहे हर बार।।याद रहे हर बार, सही सांसद लाना है।जो करता हो काम, उसे ही जितवाना है।सर्वोपरि है देश, जहाँ पलते हैं सपने।'मधु'उन्नत...

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धरती को ब्याह रचाने दो

धरती को ब्याह रचाने दो------------------------------धरती ब्याह रचाती हैपीले पीले अमलतास सेहल्दी रस्म निभाती हैधानी चुनरी में टांक सितारेगुलमोहर बन जाती हैदेखो, धरती ब्याह रचाती है।आसमान के चाँद...

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