पल का पंछी
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याद रखना नौनिहालों
बीता समय आता नहीं
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याद रखना नौनिहालों
बीता समय आता नहीं
पल का पंछी
भाग रहा है
सजग हमेशा
जाग रहा है
भाग रहा है
सजग हमेशा
जाग रहा है
बिना परिश्रम कोई भी
सेव मीठे खाता नहीं
सेव मीठे खाता नहीं
घडी के काँटे
डोल रहे हैं
कर लो उपयोग
बोल रहे हैं
डोल रहे हैं
कर लो उपयोग
बोल रहे हैं
धरा को तप्त हुए बिना
मेघ नभ में छाता नहीं
मेघ नभ में छाता नहीं
तन में ऊर्जा
भरी पड़ी है
भरी पड़ी है
विजयमाल ले
राह खड़ी है
राह खड़ी है
ढीले तारों से कभी भी
संतूर राग गाता नहीं
संतूर राग गाता नहीं
याद रखना नौनिहालों
बीता समय आता नहीं
*ऋता शेखर मधु*
बीता समय आता नहीं
*ऋता शेखर मधु*