$ 0 0 बहुत दिनों बाद हाइकु1पचपन मेंबचपन की लोरीपोते- पोतियाँ।2लम्बी हैं राहेंदामन में सुमनपग में छाले।3तरुणावस्थासपनीले नयननभ का चाँद।4जेठ की धूपसुर्ख गुलमोहर नव उल्लास।5आयी बारिशनभ और नयनअंतर कहाँ।6हरी पत्तियाँगुलाबों की महकघर अँगना।7विशाल वटमूल मूल है कहाँजाँच एजेंसी।8उगी रोशनीछुप रहा अँधेराहर्ष का गीत|--ऋता शेखर 'मधु'